Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु विषय एक घर बनाऊंगा

एक घर बनाऊंगा...

मैंने सपना देखा था एक घर का, जहां मैं अपने परिवार के साथ खुशियों से रहूं। एक घर जो मेरी अपनी पहचान हो, जहां मैं अपने सपनों को पूरा करूं।

मैंने अपनी नौकरी से बचत की और एक दिन मैंने अपने सपनों का घर बनाने का फैसला किया। मैंने एक प्लॉट खरीदा और एक अच्छा आर्किटेक्ट ढूंढा। मैंने उसे अपने सपनों का घर दिखाया और कहा, "मैं इसे ऐसा ही बनाना चाहता हूं।"

आर्किटेक्ट ने मेरी बात सुनी और एक डिजाइन तैयार किया। मैंने उसे देखा और कहा, "यह मेरे सपनों का घर है।"

फिर शुरू हुआ निर्माण का काम। मैंने हर रोज़ वहां जाकर देखा कि काम कैसे चल रहा है। मैंने मजदूरों से बात की और उन्हें समझाया कि मैं क्या चाहता हूं।

धीरे-धीरे मेरा घर तैयार होने लगा। मैंने अपने परिवार को दिखाया और कहा, "यह हमारा घर होगा।"

परिवार ने खुशी से स्वीकार किया और हमने साथ में घर को सजाना शुरू किया। हमने हर कमरे को अपने तरीके से सजाया और घर को एक सुंदर रूप दिया।

आखिरकार, घर तैयार हो गया। हमने एक पूजा की और घर में प्रवेश किया। मैंने अपने परिवार के साथ खुशियों से रहना शुरू किया।

मेरा घर मेरी पहचान है, मेरी खुशियों का घर। मैंने अपने सपनों को पूरा किया है और अब मैं अपने परिवार के साथ खुशियों से रहता हूं।

सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर

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2 Comments

hema mohril

07-Feb-2025 07:07 AM

v nice

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Zakirhusain Abbas Chougule

30-Jul-2024 05:26 PM

Nice

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